आस्ट्रेलिया ने गूगल को दी 5.5 करोड़ आस्ट्रेलियाई डालर की नोटिस, प्रतिस्पर्धा रोधी समझौते के उल्लंघन का आरोप

दिल्ली। गूगल को ऑस्ट्रेलिया में प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करने पर 5.5 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 3.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। एसीसीसी ने पाया कि गूगल ने टेल्स्ट्रा और ऑप्टस के साथ ऐसे करार किए थे, जिनमें केवल गूगल सर्च इंजन को एंड्रॉयड फोनों पर प्री-इंस्टॉल किया गया। इस कदम से उपभोक्ताओं के विकल्प सीमित हुए और प्रतिस्पर्धा प्रभावित हुई। अदालत में मामला लंबित है और यह फैसला टेक कंपनियों के लिए बड़ा सबक माना जा रहा है।
दिग्गज टेक कंपनी गूगल को ऑस्ट्रेलिया में प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करने पर 5.5 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 3.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना भरना होगा. यह मामला दो प्रमुख दूरसंचार कंपनियों (टेल्स्ट्रा और ऑप्टस) के साथ किए गए प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौते से जुड़ा है।
जाने एसीसीसी की कार्रवाई
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ता आयोग (एसीसीसी) ने सोमवार को बताया कि उसने गूगल के एशिया-प्रशांत खंड के खिलाफ संघीय न्यायालय में कार्यवाही शुरू की है। अदालत अब यह तय करेगी कि लगाया गया जुर्माना उपयुक्त है या नहीं। एसीसीसी का मानना है कि गूगल ने ऐसे अनुबंध किए जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बाधित हुई और उपभोक्ताओं के पास विकल्प सीमित हो गए हैं।
विवादित समझौते की सच्चाई
गूगल पर आरोप है कि उसने टेल्स्ट्रा और ऑप्टस के साथ ऐसे करार किए, जिनके तहत उनके द्वारा बेचे गए एंड्रॉयड फोन पर केवल गूगल सर्च इंजन ही प्री-इंस्टॉल किया गया. दूसरे प्रतिस्पर्धी सर्च इंजनों को जगह नहीं दी गई. इसके बदले दोनों कंपनियों को विज्ञापन राजस्व में हिस्सेदारी दी गई। यह व्यवस्था करीब 15 महीने तक चली और इससे गूगल की मार्केट पकड़ और मजबूत हुई।
गूगल ने यह दी सफाई
गूगल ने माना है कि इन समझौतों का असर प्रतिस्पर्धा को कम करने वाला रहा।कंपनी ने एक वचनबद्धता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उसने आश्वासन दिया है कि भविष्य में अनुबंधों से प्री-इंस्टॉलेशन और डिफॉल्ट सर्च इंजन संबंधी प्रतिबंध हटाए जाएंगे. कंपनी ने बयान जारी कर कहा, हम एसीसीसी की चिंताओं का समाधान करने में प्रसन्न हैं. संबंधित प्रावधान अब लंबे समय से हमारे व्यावसायिक समझौतों का हिस्सा नहीं हैं।
टेल्स्ट्रा और ऑप्टस की प्रतिक्रिया
पिछले वर्ष टेल्स्ट्रा, ऑप्टस और उनकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी टीपीजी ने एसीसीसी के समक्ष यह वचन दिया था कि वे भविष्य में गूगल या किसी अन्य टेक कंपनी के साथ ऐसे समझौते नहीं करेंगी, जो उपभोक्ताओं के सर्च विकल्पों को सीमित करें। इसका मतलब है कि अब ऑस्ट्रेलियाई ग्राहकों को स्मार्टफोन पर अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
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